अरमान मेरे बहुत सारे
अधुरा पड़ रहे हैं अब
इतने सारे सिलसिले
चारो ओ़र से घेर रहें है
विश्वास हो रहा है गायब।
अधुरा पड़ रहे हैं अब
इतने सारे सिलसिले
चारो ओ़र से घेर रहें है
विश्वास हो रहा है गायब।
जा नहीं पा रहा हूँ आगे
दिख रहे है कई रास्ते अब
किस ओ़र जाना है मुझे
मेरे सपनों को पुरा करने
खोज का अंत होगा कब?
सहारा देगा भगवान् मेरे
दोस्त भी होंगे मेरे साथ
आगे जो आए नसीब में
दुःख मुझको मिले या सुख
उनको जीत लूँगा ज़रूर।
वादा है अपने आप से
सिलसिलों को जीतूंगा मैं
सपनों को पा लूँगा मैं
सामना करूंगा कष्ट का
मंजिल को करूंगा हासिल।
Many thanks to Nabi for helping edit out the grammar and spelling errors!